पंजाब / सुप्रीम कोर्ट में पराली पर सुनवाई आज, पराली प्रबंधन के लिए किसानों को फ्री में मशीनरी देने की तैयारी में सरकार

चंडीगढ़. सुप्रीम कोर्ट में पराली पर सुनवाई आज होनी है। पराली प्रबंधन के लिए किसानों को फ्री में हैप्पी सीडर देने की राज्य सरकार तैयारी कर रही है। पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार द्वारा मुआवजा राशि की घोषणा करने के बाद किसान संगठनों ने इसे नाकाफी बताते हुए नकार दिया है।


किसान संगठनों का साफ कहना है कि या तो सरकार पराली प्रबंधन का जिम्मा खुद उठाए या फिर मुआवजा राशि को बढ़ाए। इसको लेकर जहां एक ओर किसान संगठनों ने अपनी अगली रणनीति बनाने के लिए मीटिंग करने का फैसला लिया है। वहीं, दूसरी ओर सरकार इस ओर भी काम कर रही है कि किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मुफ्त में या फिर ज्यादा सब्सिडी देकर इस दिशा में कदम बढ़ाए।


इस मामले को लेकर विभाग के अधिकारियों के द्वारा जल्द ही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से डिस्कस किया जाएगा। अगर सरकार यह कदम उठाती है तो इससे सरकार पर लगभग 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। ऐसे में पहले सरकार को यह देखना है कि इतनी बड़ी रकम का सरकार प्रबंध कहां से करेगी। क्योंकि सरकार की वित्तीय हालत अभी पटरी पर नहीं आई है। लेकिन किसान संगठनों का विरोध देखते हुए सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई अहम कदम उठा सकती है।


मुआवजे से डबल आता है खर्च
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार की ओर से पांच एकड़ तक के जमीन मालिक को 2500 रुपये मुआवजा देने की बात कही गई है। लेकिन किसान को एक एकड़ जमीन से पराली का प्रबंध करने में 5 हजार रुपये से ज्यादा का खर्च आता है। ऐसे में छोटे किसान कैसे अपनी जेब से इस पैसे को अदा करेंगे। 


या तो सरकार खुद करे प्रबंध या फिर बढ़ाए राशि
कुछ किसान संगठनों की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि  या तो सरकार खुद ही छोटे किसानों की पराली का प्रबंध करने का जिम्मा उठाए या फिर किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि को पराली के प्रबंधन पर आने वाले खर्च के मुताबिक तय करे। तभी पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सकेगा। 
 


मौजूदा मशीन को खरीदना बस से बाहर
छोटे किसानों के लिए अभी पराली प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा जिस मशीन पर सब्सिडी दी जाती है उसकी कीमत 5 लाख रुपए तक की है। ऐसे में छोटे किसान इस मशीन को नहीं खरीद सकते हैं। इसके अलावा इस मशीन को चलाने के लिए बड़े ट्रैक्टर का इस्तेमाल करना पड़ता है। जोकि छोटे किसानों के पास नहीं है। इसलिए मामले में सरकार को एक कदम और आगे बढ़ाना होगा।
 



सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब देने के लिए यह सब मुआवजे की घोषणा की गई है। सरकार को सभी किसानों को मुआवजा राशि देनी चाहिए। साथ ही मुआवजा राशि भी बढ़ानी चाहिए क्योंकि खर्च अधिक आता है।