एजुकेशन डेस्क. परीक्षा की बेहतर तैयारी कैसे हो, यह बात अगर टॉपर खुद बताए तो इससे बेहतर भला और क्या होगा? तो आइए जानते है कैट-2019 क्लियर करने वाले भोपाल के टॉपर्स में से एक अंशु अग्रवाल (98.5 परसेंटाइल) से, जिन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद जॉब और फिर जॉब को छोड़ कैट की तैयारी करने के निर्णय से लेकर कैट क्रैक करने तक के सफर को साझा किया। पढ़िए अंशु के बताए वे टिप्स जो कैट और अन्य कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को एग्जाम में ज्यादा मार्क्स स्कोर करने में मददगार होंगे।
अंशु के बताए सक्सेस टिप्स
टाइम टेबल टॉपिक वाइज बनाएं, टाइम वाइज नहीं
टाइम टेबल का नाम भले ही टाइम-टेबल है, लेकिन इसको टाइम से नहीं, बल्कि टॉपिक के हिसाब से बनाना चाहिए। स्टूडेंट्स यही गलती करते हैं कि अपना टाइम टेबल समय के हिसाब से बनाते हैं। मैं सुबह 7 बजे उठूंगा, 7.30 तक ब्रेकफास्ट कर लूंगा, 8 बजे से पढ़ने बैठ जाऊंगा और फिर ऐसा टाइम टेबल फ्लॉप हो जाता है। बेहतर है कि टाइम टेबल टॉपिक को ध्यान में रखकर बनाएं। एनालाइज करें कि किसी विषय का कोई टॉपिक पूरा करने में आपको कितना समय लगेगा। फिर इस टॉपिक को उस टाइम लिमिट में ही पूरा करें, फिर इसके लिए आपको दिन में 2 घंटे पढ़ाई करना पड़े या 8 से 12 घंटे।
तैयारी में काम आएंगी ये किताबे
- वर्बल एबिलिटी- वॉकेबलरी के लिए वर्डपावर पढ़ें, ग्रामर मजबूत करने के लिए व्रेन एंड मार्टिन और रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन के लिए नॉवेल्स व अंग्रेजी न्यूज पेपर पढ़ें।
- लॉजिकल रीजनिंग और डाटा इंटरप्रेटेशन- बेसिक रीजनिंग के लिए आरएस अग्रवाल और स्टैंडर्ड के लिए अरुणा शर्मा को पढ़ें।
- क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड- बेसिक के लिए आरएस अग्रवाल पढ़ें और कैट के लिए सर्वेश कुमार वर्मा की किताब बेहतर रहेगी।
ऐसे चुनें सवालों का क्रम
परीक्षा में कुछ मुश्किल सवाल होते हैं, कुछ मीडियम और कुछ आसान। मजे की बात यह है कि सारे ही सवालों के अंक बराबर होते हैं। ऐसे में पहले आसान सवाल करें। यह सिलेक्शन तय करेंगे और बाद में मीडियम कैटेगरी के सवाल करें, ये रैंक दिलाएंगे। ध्यान रखें, एग्जाम में समय बहुत कम है, तो सवाल कठिन क्यों लग रहा है, बना क्यों नहीं जैसे ईगो की जरूरत नहीं है। क्योंकि समय गंवाएंगे, तो अंत में जो आसान सवाल मिलने वाले हैं, वो भी पैनिक में गलत हो जाएंगे।
4जी डाटा का इस्तेमाल वेब सीरिज की बजाय ट्यूटोरियल्स के लिए करें
आजकल बच्चे अपना 70 प्रतिशत समय नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम पर वेबसीरीज देखते हुए बिताते हैं। एक साथ कई वेबसीरीज उनकी लाइफ में चल रही होती हैं। वेबसीरीज में जिंदगी बिताने से अच्छा है, अपनी जिंदगी बनाने के लिए 4जी डाटा का इस्तेमाल करें। यू-ट्यूब और अलग-अलग वेबसाइट्स पर उपलब्ध ऐसी ट्यूटोरियल्स सुनें, जो आपकी तैयारी में मदद करें। मैं जिस वक्त एग्जाम की प्रिपरेशन के बारे में सोच रहा था, मुझे लगता था कि मेरी मैथ्स सबसे ज्यादा मजबूत है। मुझसे आगे कोई नहीं। लेकिन जब मैंने यू- ट्यूब पर बैंगलुरू के फैकल्टीज के वीडियो देखे, तब मुझे अहसास हुआ कि मैं बेस्ट नहीं हूं और फिर मैंने अपनी नॉलेज को पॉलिश करना शुरू किया।
वीक सब्जेक्ट मजबूत करने के लिए बेसिक्स पर लौटे
हम ग्रेजुएशन के सेकंड या थर्ड ईयर से एग्जाम की प्रिपरेशन शुरू करते हैं और एग्जाम के लिए जब इंग्लिश, फिजिक्स या मैथ्स को मजबूत करने की बात आती है, तो हम ग्रेजुएशन लेवल की ही बार-बार प्रेक्टिस करते हैं। इसकी बजाय सही तरीका यह है कि आप बेसिक्स को फिर से जुठाएं। कई बार स्टूडेंट्स को लगता है कि हम बेसिक ग्रामर की किताब कैसे पढ़ें, ग्रेजुएशन में हैं, तो इस झिझक को दूर रखिए, क्योंकि बेसिक में ही वीक हैं, तो बेसिक का इलाज ही पहले करना पड़ेगा।
सेल्फ एनालिसिस करें और हमेशा टॉपर बनें
मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब करनी शुरू की। जॉब के दौरान मुझे समझ में आया कि मुझे इस काम में मजा नहीं आ रहा है। फिर मैंने खुद का आंकलन किया कि मुझे क्या पसंद है और मेरी मजबूती क्या है। इसी तरह आप भी पहले सेल्फ एनालिसिस करें, इसके बाद ही अपने मनपसंद काम को चुनें।
मॉक टेस्ट दें और उनको तुरंत एनालाइज करें
पूरी तैयारी के दौरान मैंने तीन चीजें कीं। अपने ड्रीम इंस्टीट्यूट की फोटो अपने लिविंग रूम और बेडरूम में लगाई, जो आपको हमेशा याद दिलाती रहे कि आपका लक्ष्य क्या है। दूसरा, टॉपर्स के इंटरव्यू देखे। इससे मोटिवेशन मिलता है। और तीसरी चीज यह कि बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए। मॉक टेस्ट देने के तुरंत बाद मॉक टेस्ट का एनालिसिस भी किया।