सरकारी नौकरी / एमपीपीएससी ने 90 पद बढ़ाए, अब 630 पदों पर होगा चयन, वर्गवार पदों का संशोधित ब्योरा जारी

एजुकेशन डेस्क. मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) ने राज्य सेवा परीक्षा-2019 को लेकर पदों में संशोधन किया है। इसमें सहायक संचालक खाद्य, जिला सिविल आपूर्ति अधिकारी एवं मप्र अधीनस्थ लेखा सेवा की रिक्तियों की संख्या में बदलाव किया है। इस बारे में आयोग ने वर्गवार पदों का संशोधित ब्योरा जारी कर दिया है। इसमें कुल 90 पद बढ़े हैं।


पहले 540 पद थे, अब इनकी संख्या बढ़कर 630 हो गई है। गौरतलब है कि 12 जनवरी को पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी। उसमें कुछ सवाल सही नहीं थे, ऐसे प्रश्नों को लेकर आपत्ति बुलाई थी। आयोग ने इस पर क्या निर्णय लिया, इसका खुलासा नहीं हो सका है। आयोग ने इसी परीक्षा के लिए तीसरी बाद पदों की संख्या बढ़ाई है। सहायक संचालक खाद्य, आपूर्ति अधिकारी का 1-1 पद बढ़ाया है, इसमें 1 पद एसटी के लिए और दूसरा ईडब्ल्यूएस यानी सामान्य के लिए आरक्षित किया है। वहीं लेखा सेवा के 88 पद बढ़ाए गए हैं।


ओबीसी के लिए अब 82 पद कम हो जाएंगे
जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस परीक्षा में पदों के आरक्षण के मामले में ओबीसी के लिए 82 पद कम हो जाएंगे। 90 पद बढ़ने के बाद ओबीसी के लिए सिर्फ 88 पद ही आरक्षित रह सकेंगे। इसकी वजह यह है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब इन्हें 27 नहीं, बल्कि 14% आरक्षण ही मिल सकेगा। मामले में ओबीसी, एससी-एसटी एकता मंच, अपाक्स सहित अन्य संगठनों ने राज्य सरकार के रवैये पर कड़ा ऐतराज जाहिर किया है।


विशेषज्ञ बोले- अब कट ऑफ में आ जाएगा 1 या 2 अंकों का अंतर
रिटायर्ट राजस्व अधिकारी एके श्रीवास्तव ने बताया कि सामान्य वर्ग के पुरुष के लिए अब कम से कम 1 या 2 अंक कम हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि 90 पद बढ़े और आरक्षण कम हो गया। इसका फायदा सामान्य वर्ग को मिल सकता है।


आंदोलन की चेतावनी
ओबीसी एसीएसटी एकता मंच के प्रदेशाध्यक्ष लोकेंद्र गुर्जर का कहना है कि राज्य सरकार ने ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण के मामले में संजीदगी नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि हमने कई बार ज्ञापनों के माध्यम से सरकार को अवगत कराया। इसके बावजूद ध्यान नहीं दिया गया। अब ओबीसी के युवाओं के साथ मिलकर प्रदेशव्यापी आंदोलन किया जाएगा। अपाक्स के प्रांताध्यक्ष भुवनेश कुमार पटेल ने कहा कि मामले में सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। इससे पिछड़ा वर्ग में नाराजगी है।